पावन क्यों इतना है दोस्त पहचान मन सही गलत ओ प्यारे प्यार क्यों इतना क्यों होता है घुटन ये क्यों है अब रोता क्यों है तनहा शायर हूँ

Hindi क्यों इतना चंचल है Poems